उद्देश्य

निम्न लिखित मुद्दों पर अध्ययन, प्रचार और जनआंदोलन संचालित करना-

1. प्रकृति और मनुष्य के बीच के सामंजस्य को पुनर्बहाल किया जाय।

2. विकास के नाम पर प्राकृतिक सम्पदाओं के अन्धाधुन्ध दोहन और पर्यावरण विनाश पर रोक लगायी जाय।
3. धरती के सभी निवासियों के लिए स्वच्छ भोजन, साफ पानी और शुद्ध पर्यावरण को मनुष्य का नैसर्गिक अधिकार मानते हुए इसकी गारण्टी की जाय।
4. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण विनाश से पैदा होने वाली बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव की गारण्टी हो।
5. उपभोक्तावादी और विलासितापूर्ण जीवनशैली की जगह प्रकृति और मनुष्य के बीच सम्बन्धों को सन्तुलित करते हुए तार्किक, वैज्ञानिक और न्यायसंगत आर्थिक-सामाजिक व्यवस्था के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जाय।
6. जैव विविधता को मानवता की धरोहर मानते हुए सुरक्षा प्रदान की जाय।