Monday, 23 April 2018

देहरादून में 'पर्यावरण और विकास' पर गोष्ठी सम्पन्न हुई

22 अप्रैल रविवार के दिन देहरादून में 'पर्यावरण और विकास' पर गोष्ठी सम्पन्न हुई. इसमें युवाओं के अलावा बच्चों ने भी भाग लिया.
कार्यक्रम बहुत सफल रहा. वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अगर धरती को इस आपदा से बचाना है तो लोगों को इसके प्रति जागरूक करना पडेगा. पर्यावरण संकट के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार यह पूंजीवादी व्यवस्था है जो मुनाफे पर टिकी है. मुनाफे के लिए ही पूँजीपति उपभोक्तावादी जीवनशैली को बढावा दे रहे हैं जिसकी पूर्ती के लिए वे प्रकृति का अंधाधुंध दोहन करके उसे तबाह करते जा रहे हैं. आज का यह विकास वास्तव में विनाश को बढ़ावा दे रहा है. इसलिए पर्यारण बचाने की लड़ाई सीधे व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई से जुडती है. इससे कम में व्यवस्था को बचाया भी नहीं जा सकता.


 दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले पर्यावरण संकट के बारे में श्रोताओं को जानकारी देते हुए एक वक्ता


प्रोफ़ेसर लाल बहादुर वर्मा श्रोताओं को पर्यावरण के बारे में जानकारी देते हुए


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