साथियो, पर्यावरण
लोक मंच 8 सितम्बर को “जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट” पर एक
दिवसीय सेमिनार आयोजित करने जा रहा है। आपकी सहभागिता अपेक्षित है।
हम सभी जानते हैं कि आज हमारा देश और पूरी धरती पर्यावरण संकट की
सबसे त्रासद मार झेल रही है। इनसान की जिन्दगी का कोई भी पहलू इस त्रासदी से अछूता
नहीं है। पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के चलते लगातार गर्म होती जा रही है। इसके
दुष्परिणाम बहुत भयावह रूप से सामने आ रहे हैं। ग्लेशियर का पिघलना, समुद्र
का जल स्तर बढ़ना और उसमें अम्ल का घुलना जारी है। इस साल केरल, कर्नाटक, उत्तराखंड, असम सहित
पूर्वोत्तर के अन्य राज्य बाढ़ की तबाही की चपेट में हैं। वहाँ जनजीवन बुरी तरह
अस्त–व्यस्त है। देश के कई हिस्से सूखे और अकाल से पीड़ित हैं। इन सबके
चलते खेती–किसानी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जंगल घटते जा रहे हैं और
रेगिस्तान बढ़ते जा रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण के चलते तरह–तरह की
नयी–नयी
बीमारियाँ लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। नदियों में साफ पानी की जगह जहरीला
रासायनिक कचरा बह रहा है, जो आस–पास के
इलाकों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियाँ फैला रहा है।
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बड़ौत के पास हिंडन नदी बेहद प्रदूषित है |
आर्थिक संकट से उबरने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बहुत तेज हो
गया है। इसके चलते पर्यावरण का संकट धीरे–धीरे और
भयावह रूप लेता जा रहा है। शासन–प्रशासन की लापरवाही, रोटी के
लिए जद्दोजहद में जुटी बहुसंख्य आबादी और शिक्षित समुदाय की उदासीनता के चलते इस
समस्या को हल करने की दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है। यह समस्या लोगों
के बीच में बहस–मुबाहसे का मुद्दा बने और इसके विविध पहलुओं के बारे में हमारी
जानकारी में इजाफा हो, ताकि एक नये बदलाव की शुरुआत हो सके। इसीलिए हमने
इस सेमिनार के आयोजन का फैसला लिया है।
आप सबसे अनुरोध है कि ऐसे साथी जो सेमिनार में अपना आलेख प्रस्तुत
करने के इच्छुक हैं, वे इस सिलसिले में आयोजक मंडल को शीघ्र सूचित करें। सेमिनार की निर्धारित तारीख से 3 दिन पहले तक आलेख जमा कर देना अनिवार्य है। आलेख
हिन्दी या अंग्रेजी में होना चाहिए। उसे ए–फोर साइज
के कागज पर साफ–साफ लिखा गया हो या टाइप किया गया हो। उसमें लगभग 1000 से 2000 शब्द
होने चाहिए। सेमिनार में आलेख प्रस्तुत करने के लिए पीपीटी का इस्तेमाल किया जा
सकता है। पीपीटी की सुविधा उपलब्ध रहेगी। पीपीटी प्रोजेक्टर के जरिये अपनी बात
रखना वैकल्पिक है। वक्ता हिन्दी या अंग्रेजी में अपनी बात रख सकते हैं। उनको अपनी
बात रखने के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय दिया जाएगा और 10 मिनट
सवाल–जवाब के लिए निर्धारित होंगे।सेमिनार में हिस्सेदारी करनेवाले
वक्ताओं को प्रमाणपत्र दिया जाएगा और उनके आलेखों को सम्पादित करके पुस्तक के रूप
में छापा भी जायेगा।
पर्यावरण से सम्बन्धित विषय के कुछ नमूने इस तरह हैं––—
1– खेती में
कीटनाशक के इस्तेमाल से प्रदूषण
2– सॉफ्ट
ड्रिंक की कम्पनी और भूजल का संकट
3– भारत में
औद्योगिकीकरण के चलते वायु प्रदूषण
4– मोटर–कार के
चलते वायु प्रदूषण
5– कम्पनियों
द्वारा संसाधनों का दोहन और पर्यावरण का विनाश
6– पर्यावरण
संकट पर आईपीसीसी की रिपोर्ट
7– टूरिज्म
के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ता पर्यावरण संकट
8– बच्चों
पर पर्यावरण का घातक असर
9– भारत में
नाभिकीय संयंत्रों से विस्थापन और पर्यावरण संकट
10– नाभिकीय
संयंत्रों के कचरे का खराब प्रबन्धन
समय : सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक
दिनांक :
8 सितम्बर 2019, रविवार
स्थान : अमित क्लासेज, फर्स्ट
फ्लोर,
प्लेटिनम मॉल, मलियाना
पुल के पास,
बागपत रोड, मेरठ
संयोजक
विक्रम
प्रताप,
7248447649
par.lok.manch@gmail.com
कार्यक्रम संयोजक
अभिषेक तिवारी,
8318123340